पुराण विषय अनुक्रमणिका PURAANIC SUBJECT INDEX ( Ra, La)
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Puraanic contexts of words like Raama/Rama, Raameshwara/Rameshwar, Raavana/Ravana etc. are given here. राध्यासा लक्ष्मीनारायण १.३८५.४९(राध्यासा का कार्य)
रापाण ब्रह्मवैवर्त्त ४.३.१०४(राधा को रापाण- पत्नी होने का शाप), द्र. रायाण
राम अग्नि ५.५(रामायण बालकाण्ड
कथा के अन्तर्गत कौशल्या से राम के प्रादुर्भाव का उल्लेख),
५.६(रामायण
अयोध्याकाण्ड का संक्षिप्त कथन), ५.७(रामायण
अरण्यकाण्ड का संक्षिप्त कथन), ५.८(रामायण
किष्किन्धा काण्ड का संक्षिप्त कथन),
५.९(रामायण
सुन्दरकाण्ड का संक्षिप्त कथन), ५.१०(रामायण
युद्धकाण्ड का संक्षिप्त कथन), ५.११(रामायण
उत्तरकाण्ड का संक्षिप्त कथन),
२३८+ (राम
द्वारा लक्ष्मण को राजनीति का उपदेश),
कूर्म १.२१(राम
का संक्षिप्त चरित्र),
गरुड
३.२९.५०(सन्ध्या काल में राम के
स्मरण का निर्देश),
३.२९.६५(तुलसी छेदन काल में रामराम
के ध्यान का निर्देश),
देवीभागवत ३.२७.४९(राम द्वारा
किष्किन्धा में नवरात्र चीर्णन का उल्लेख),
३.२८(व्यास
द्वारा जनमेजय को राम कथा का वर्णन),
८.९,
८.१०.१३(किम्पुरुष
वर्ष में हनुमान द्वारा राम की आराधना),
नारद १.७१.११३(रक्षा
हेतु राम मन्त्र के पठन का उल्लेख),
१.७३(राम व राम - परिवार सम्बन्धी
मन्त्रों के अनुष्ठान की विधि),
१.११८.३(राम
नवमी व्रत की विधि),
पद्म १.३३.५०(राम
द्वारा पुष्कर में दशरथ का श्राद्ध व अजगन्ध शिव की स्तुति),
१.३५.६५(राम
का अगस्त्य आश्रम में आगमन,
तपोरत शम्बूक शूद्र का वध,
मृत
ब्राह्मण बालक का पुन: संजीवन),
१.३८.१५(राम
की लङ्का यात्रा,
विभीषण से मिलन,
शिव व
ब्रह्मा की स्तुति,
वामन की स्थापना),
३.२६.२४(राम ह्रद का माहात्म्य,
परशुराम
द्वारा पितरों का तर्पण),
५.१+(राम चरित्र वर्णन के अन्तर्गत राम का रावण - वध के
पश्चात् विमान से लौटना,
नन्दिग्राम के दर्शन,
राम -
भरत समागम,
अयोध्या में प्रवेश,
मातृदर्शन,
माताओं से वार्तालाप,
राज्याभिषेक,
प्रजा को सुख प्राप्ति,
सर्वदेव
- कृत राम स्तुति,
राम द्वारा देवों को वर प्रदान,
राम राज्य की व्यवस्था का वृत्तान्त),
५.३०(राम नाम का माहात्म्य,
जनक
द्वारा राम नाम के पुण्य दान से नरक वासियों की मुक्ति),
५.३६(राम
द्वारा लङ्का पर आक्रमण का तिथि अनुसार वर्णन),
५.१०४.१४०(राम का श्रीरङ्ग नगर में गमन,
विभीषण का मोचन),
५.११४(राम के प्रश्न करने पर शम्भु द्वारा गौतम गृह के वृत्तान्त का वर्णन),
५.११७.६३(राम द्वारा कौसल्या के मासिक श्राद्ध का अनुष्ठान),
६.७३(राम रक्षा स्तोत्र),
६.७६(ब्रह्मा द्वारा प्रोक्त और्ध्वदेहिक स्तोत्र),
६.२४२+
(राम अवतार की कथा),
६.२४२.८४(कौसल्या द्वारा राम के विश्वरूप का दर्शन),
६.२५४(राम के १०८ नाम),
ब्रह्म
२.५३.१४८(राम द्वारा गौतमी गङ्गा में स्नान से पिता दशरथ की नरक से
मुक्ति,
राम द्वारा शिव की स्तुति),
२.८४(रावणादि का वध कर राम का
अयोध्या में आगमन,
राज्याभिषेक,
सीता का
परित्याग,
अश्वमेध का आयोजन,
लव - कुश
द्वारा रामायण गायन का वृत्तान्त),
२.८७(रावण वध
के पश्चात् राम का गौतमी पर आगमन,
गौतमी
प्रशंसा,
स्नान,
शिव
लिङ्गार्चन,
लिङ्ग विसर्जनार्थ लिङ्ग से प्रार्थना),
ब्रह्मवैवर्त्त २.१४(सीताहरण विषयक संक्षिप्त राम कथा),
४.६२(संक्षिप्त
राम कथा),
भविष्य ३.४.१५.५४(शब्द
मात्र समूह के स्वामी के रूप में राम का उल्लेख),
३.४.२५.९२(वैवस्वत मन्वन्तर में धनु
राशि में राम की उत्पत्ति),
भागवत ५.१९(किम्पुरुष
वर्ष में आर्ष्टिषेण द्वारा राम की आराधना),
६.८.१५(राम से प्रवास काल में रक्षा
की प्रार्थना),
९.१०(राम की
लीला का वर्णन),
वराह ४५(राम
का न्यास व व्रत),
वायु १०८.१६(राम
तीर्थ का माहात्म्य,
गया में राम के स्नान का स्थान),
विष्णुधर्मोत्तर ३.११९.८(प्रतिज्ञा पालन में राम की पूजा),
स्कन्द
१.२.१३.१५६(शतरुद्रिय प्रसंग में राम द्वारा वैदूर्य लिङ्ग की पूजा का उल्लेख),
२.८.६.११७(राम
के परलोक धाम गमन की कथा),
३.१.२(राम
द्वारा रामेश्वर सेतु का निर्माण),
३.१.१८(राम
कुण्ड का माहात्म्य,
सुतीक्ष्ण का तप,
युधिष्ठिर की असत्य भाषण के पाप से मुक्ति),
३.१.२७(राम
द्वारा धनुष की कोटि से कोटि तीर्थ का निर्माण,
स्नान से
ब्रह्महत्या से मुक्ति),
३.१.४४.१०५(रावण
वध के पश्चात् राम द्वारा सिकता लिङ्ग की स्थापना),
३.१.४७.४५(रावण वध से उत्पन्न ब्रह्महत्या को बिल में रख कर राम द्वारा
उसके ऊपर भैरव की स्थापना),
३.१.४९.५(राम
द्वारा रामेश्वर शिव की स्तुति),
३.२.३०(राम द्वारा बाललीला,
रामायण का वर्णन,
लोहासुर
द्वारा निर्जनीकृत धर्मारण्य का जीर्णोद्धार),
४.२.६१.२०८(विष्णु
के १०१ राम रूपों का उल्लेख),
४.२.८४.६९(राम तीर्थ का संक्षिप्त
माहात्म्य),
५.१.४४,
५.२.२९(रामेश्वर का माहात्म्य,
परशुराम द्वारा शत्रुहत्या दोष से निवृत्ति के लिए स्थापना),
५.३.८४.२१(रामेश्वर
तीर्थ का माहात्म्य,
राम की राक्षसी हत्या के पाप से मुक्ति),
५.३.१९८.७८(राम
तीर्थ में देवी का रमणा नाम से वास),
५.३.२३१.१७(तीर्थ समूह के अन्तर्गत
तीन रामेश्वर तीर्थ होने का उल्लेख),
६.२०(राम द्वारा पितृ कूप पर पितरों
का श्राद्ध करना),
६.६६+ (राम
ह्रद का माहात्म्य,
जमदग्नि व सहस्रार्जुन की कथा),
हरिवंश १.४१(राम अवतार का वर्णन),
२.१२८.४,
योगवासिष्ठ ६.१.१२८(निर्वाण प्रकरण पूर्वार्ध सर्ग १२८ का
°रामव्युत्थापन°
नामकरण),
६.२.१९०(निर्वाण प्रकरण उत्तरार्ध सर्ग १९० का
°राम विश्रान्ति°
नामकरण),
वा.रामायण १.६७+
(राम द्वारा जनक के धनुष को भङ्ग करना,
सीता से
विवाह),
१.७५(राम
द्वारा परशुराम के वैष्णव धनुष का सन्धान),
१.७६(राम द्वारा वैष्णव धनुष से
परशुराम के तप:प्राप्त पुण्य लोकों का नाश),
३.३१.४६(राम की सागर,
सिंह,
गजराज
उपमाएं),
३.३७.१५(राम की अग्नि व यम से उपमा),
४.११.८४+
(राम द्वारा दुन्दुभि के अस्थि समूह का क्षेपण,
साल वृक्षों का भेदन,
वाली का
वध),
५.३५(हनुमान
द्वारा सीता को राम के शरीर के लक्षणों का कथन),
६.२१(समुद्र
द्वारा लङ्का के लिए मार्ग न देने पर राम का कोप),
६.६७(राम
द्वारा कुम्भकर्ण का वध),
६.७३+ (इन्द्रजित् के ब्रह्मास्त्र से राम को मूर्च्छा,
दिव्य ओषधियों से संजीवन),
६.९९+ (राम का रावण से युद्ध),
६.११७(रावण वध के पश्चात् ब्रह्मा द्वारा राम की स्तुति),
७.५१(भृगु के
शाप के कारण राम का सीता से वियोग),
लक्ष्मीनारायण १.३७६, १.३८५.४(राम शब्द की निरुक्ति),
१.४२२,
२.१८२.३रामपुरी,
३.१७०.१७,
४.६९.२२,
कथासरित् ९.१.५९(राम
- सीता की कथा),
१४.३.२०(ऋष्यमूक पर्वत पर ठहरे हुए नरवाहनदत्त को प्रभावती
द्वारा सुग्रीव - वाली विषयक राम कथा सुनाना),
१६.३.३२(चन्द्रावलोक द्वारा युवराज तारावलोक व माद्री के यमज पुत्रों का राम -
लक्ष्मण नामकरण ),
द्र. परशुराम,
बलराम
raama/rama Esoteric aspect of ancestors of Rama Esoteric aspect of manifestation of Rama
रामकृष्ण गर्ग ७.१३.१५(मल्लार देश के अधिपति रामकृष्ण पर प्रद्युम्न की विजय), स्कन्द २.१.१५(वल्मीक से आच्छादित मुनि, वल्मीक पर विद्युत पात से विष्णु का प्राकट्य ), लक्ष्मीनारायण १.४०२ raamakrishna/ ramakrishna
रामगृह वराह १५०.१०(सानन्दूर नामक गुह्य स्थान के अन्तर्गत रामगृह नामक श्रीहरि के गुह्य स्थान का उल्लेख )
रामशर्मा भविष्य ३.४.१९(अध्यात्म रामायण के रचयिता रामशर्मा के चरित्र का वर्णन )
रामसुन्दर लक्ष्मीनारायण ४.४६.१००
रामा हरिवंश २.१२८.४(कुम्भाण्ड - पुत्री, उषा - सखी, उग्रसेन द्वारा रामा का साम्ब से विवाह का प्रस्ताव ) raamaa/ rama
रामादित्य लक्ष्मीनारायण १३१६
रामानन्द भविष्य ३.४.७.५३(मित्रशर्मा व चित्रिणी - पुत्र, सूर्य का अंश )
रामानुज गर्ग १०.६१.२२(शेष नाग का अंश), भविष्य ३.४.१४(भव शिव का अंश), स्कन्द २.१.२१(रामानुज द्विज द्वारा आकाशगङ्गा तीर पर तप ), लक्ष्मीनारायण १.४०३ raamaanuja/ ramanuja
रामायण अग्नि ५.५+(वाल्मीकि
रामायण का संक्षिप्त वर्णन),
गरुड १.१४३(संक्षिप्त
रामायण का वर्णन),
देवीभागवत ३.२८+(नवरात्र
महिमा प्रसंग),
नारद २.७५(वसु
- मोहिनी संवाद में रामायण का संक्षिप्त वर्णन),
पद्म
५.११६(
जाम्बवान् - प्रोक्त रामायण),
६.२४२(श्रीरामावतार रामायण कथा का वर्णन),
ब्रह्मवैवर्त्त
४.६२(संक्षिप्त राम चरित्र का वर्णन),
४.११६.४(अनिरुद्ध
व बाण संवाद- अग्नि द्वारा सीता के ग्रहण आदि की कथा),
विष्णु ४.४.४०(संक्षिप्त
रामायण का
कथन),
स्कन्द ३.१.२(संक्षिप्त
रामायण का वर्णन),
३.२.३०.२२(रामायण की घटनाओं की तिथियां),
वा.रामायण ०.२(रामायण का माहात्म्य,
नारद - सनत्कुमार संवाद, सुदास
ब्राह्मण की राक्षसत्व से मुक्ति की कथा),
०.५(रामायण श्रवण का
माहात्म्य),
६.१२८(रामायण श्रवण का माहात्म्य ),
लक्ष्मीनारायण ३.२२४.१६, raamaayana/ramayana
रामायन लक्ष्मीनारायण ३.२२४
रामेश्वर पद्म १.३८.३३(राम द्वारा रामेश्वर की स्तुति, राम - रुद्र संवाद), ब्रह्म १.२६.५७(रामेश्वर नामक शिव लिङ्ग का संक्षिप्त माहात्म्य), शिव ४.३१(राम द्वारा रामेश्वर की स्थापना), स्कन्द ३.१.१(रामेश्वर सेतु का माहात्म्य), ३.१.४३(रामेश्वर लिङ्ग का माहात्म्य), ३.१.४९(रामादि द्वारा रामेश्वर की स्तुति, वर प्राप्ति), ५.१.३१(राम द्वारा उज्जयिनी में रामेश्वर लिङ्ग की स्थापना, लक्ष्मण द्वारा राम की अवज्ञा की कथा), ५.३.८४, ५.३.१३४(रामेश्वर तीर्थ का माहात्म्य), ५.३.२३१.१७(नर्मदा तट पर तीन रामेश्वर तीर्थ होने का उल्लेख), ६.१०१(लङ्का को मनुष्यों से सुरक्षित रखने के लिए राम द्वारा रामेश्वर सेतु का भञ्जन), ६.१०४.३५(रामेश्वर - त्रय, त्रिकाल पूजा), ७.१.१११(राम द्वारा प्रभास क्षेत्र में स्थापित रामेश्वर लिङ्ग का माहात्म्य, राम द्वारा पिता का श्राद्ध), ७.१.२०२(सूत हत्या दोष से मुक्ति हेतु बलराम द्वारा स्थापित रामेश्वर लिङ्ग का माहात्म्य ) raameshvara/rameshwara
राय स्कन्द ४.१.१.५७(रैवत पर्वत के राय से रहित होने का उल्लेख ), लक्ष्मीनारायण २.१९५, २.२२२, २.२२३, ३.८.५४(अतल के सहस्रपाद राजा सामरायधन का विष्णु से युद्ध, विष्णु द्वारा पादों का कर्तन ), ४.४०, raaya
रायकिन्नर लक्ष्मीनारायण २.२०३
रायाण ब्रह्मवैवर्त्त २.४९.३८(रायाण वैश्य के साथ राधा के विवाह का कथन; रायाण के यशोदा - सहोदर होने का उल्लेख ), ४.१, लक्ष्मीनारायण ३.२०१.९४, ३.२११.१, द्र. रापाण raayaana/ rayana
रावण अग्नि १२३.१६(१५ मुहूर्तों में से एक रावण मुहूर्त में रण कार्य करने का निर्देश), देवीभागवत ९.१६.४२(रावण द्वारा सीता का हरण तथा राम द्वारा रावण के वध का उल्लेख), पद्म १.३५.२६(राम द्वारा रावण वध से अगस्त्य प्रभृति ऋषियों को अभय प्राप्ति का उल्लेख), ५.६(राम के प्रश्न करने पर अगस्त्य द्वारा रावणादि के जन्म वृत्तान्त का वर्णन), ब्रह्म १.११(कार्त्तवीर्य द्वारा रावण का बन्धन, पुलस्त्य की सहायता से रावण की मुक्ति), १.६७(रावण को इन्द्र से वासुदेव की मूर्ति की प्राप्ति), २.२७(माता के वचन सुनकर रावण की तपस्या, कुबेर से लङ्का व पुष्पक विमान आदि का हरण), २.७३(रावण को ब्रह्मा से शिव के १०८ नामों की प्राप्ति, तप, कैलाश को हिलाना, शिव से तलवार प्राप्ति का वर्णन), २.८४(राम द्वारा रावण का वध), ब्रह्माण्ड २.३.७.२४८(बालि द्वारा रावण का बन्धन व मैत्री), भविष्य ३.४.१३.२७(विश्रवा व कैकसी - पुत्र, कुम्भकर्ण - भ्राता), ३.४.१५.२२(रावण द्वारा कुबेर का लङ्का से निष्कासन, कुबेर - पत्नी से शाप प्राप्ति, तप का वर्णन), ४.५८.४९(सहस्रबाहु कार्तिकेयार्जुन द्वारा माहिष्मती में रावण के बन्धन तथा मोचन का उल्लेख), ४.७१.१५(राजा अजपाल द्वारा रावण के समीप ज्वर प्रेषण की कथा), भागवत ४.१.३७(विश्रवा व केशिनी - पुत्र), वराह १४४.७१(सोमेश्वर के दक्षिण में रावण द्वारा बाण से पर्व का भेदन कर जलधारा का प्राकट्य, बाणगङ्गा नाम से प्रसिद्धि, सोमेश्वर के पूर्व में रावण तपोवन की स्थिति, संक्षिप्त माहात्म्य), १६३.२९(देवलोक में विराजित वराह रूप धारी हरिमूर्ति को रावण द्वारा लङ्का में स्थापित करना, पुन: रावण वध के पश्चात् राम द्वारा हरि मूर्त्ति को अयोध्या में लाने की कथा), वामन ४६.१५(रावण द्वारा गोकर्ण नामक महालिङ्ग की स्थापना), वायु ७०.४२(रावण का स्वरूप), विष्णुधर्मोत्तर १.२२०(कैकसी से रावण का जन्म), १.२२२(रावण द्वारा नन्दी का उपहास व शाप प्राप्ति), १.२२२+ (रावण द्वारा कैलास को लङ्का ले जाने का उद्योग तथा पृथ्वी की विजय), १.२२३(रावण द्वारा पाताल पर विजय), १.२३८(बलि द्वारा रावण का दर्प भङ्ग), १.२३९(रावण द्वारा महापुरुष के दर्शन), शिव ४.२७, ४.२८(रावण द्वारा स्वशिर छेदन द्वारा वैद्यनाथ शिव लिङ्ग की स्थापना, कैलास उत्पाटन का प्रयत्न), स्कन्द १.१.८(रावण द्वारा नन्दी को वानरत्व का शाप, स्वयं भी शाप प्राप्ति), १.२.१३.१५९(शतरुद्रिय प्रसंग में रावण द्वारा जातिज लिङ्ग की पूजा), ३.१.४४.८६(रावण वध रूप पाप से निष्कृति हेतु राम की मुनियों से पृच्छा, मुनियों के निर्देशानुसार राम द्वारा शिव लिङ्ग की स्थापना), ३.१.४७(विश्रवा व कैकसी से रावण की उत्पत्ति की कथा), ४.२.९७.१९५(रावणेश्वर लिङ्ग का संक्षिप्त माहात्म्य), ५.१.६३.१०३(विष्णु सहस्रनाम में एक नाम), ५.३.१६८.१६ (विश्रवा व कैकसी - पुत्र, कुम्भकर्ण व विभीषण - भ्राता), ७.१.२०.२१(२४वें त्रेतायुग में तप क्षय होने से नाश को प्राप्त, कैकसी - पुत्र, विभीषण व शूर्पणखा - भ्राता), ७.१.५८(अजापाल राजा से कर ग्रहण हेतु रावण द्वारा धूम्राक्ष का प्रेषण, अजापाल द्वारा प्रेषित ज्वर से रावण को भय की प्राप्ति), ७.१.१२३(पुष्पक विमान की गति अवरुद्ध होने पर रावण द्वारा रावणेश्वर लिङ्ग की स्थापना, रावणेश्वर लिङ्ग का माहात्म्य), हरिवंश २.९३.२८(शूर यादव द्वारा रावण रूप धारण का उल्लेख), वा.रामायण ५.१०(हनुमान द्वारा द्रष्ट रावण के शरीर की शोभा का वर्णन), ५.२०+ (सीता द्वारा रावण की भर्त्सना), ५.४९(हनुमान द्वारा द्रष्ट रावण के शरीर की शोभा का वर्णन), ६.१३.११(पुञ्जिकस्थला अप्सरा से बलात्कार पर ब्रह्मा द्वारा रावण को शाप), ६.१०८(राम द्वारा रावण का वध), ७.१५(रावण का कुबेर से युद्ध, कुबेर की पराजय, रावण द्वारा पुष्पक विमान पर अधिकार), ७.१६(नन्दी के उपहास पर नन्दी द्वारा रावण को वानरों से पराजय का शाप), ७.१६.२७(रावण द्वारा पर्वत उत्पाटन की चेष्टा, भुजाओं का पीडन होने पर रावण नाम की प्राप्ति, शिव से चन्द्रहास खड्ग की प्राप्ति), ७.१८(रावण का राजा मरुत्त के यज्ञ में आगमन, मरुत्त की पराजय, देवों का अदृश्य होना), ७.१९(रावण द्वारा राजा अनरण्य को पराजित करना, अनरण्य द्वारा रावण को शाप), ७.२१+ (रावण द्वारा यमलोक पर आक्रमण, यम का युद्ध से विरत होना), ७.२३(रावण द्वारा निवातकवचों से युद्ध व मैत्री), ७.२६(रम्भा से बलात्कार पर नलकूबर द्वारा रावण को शाप), ७.३१+ (रावण का कार्त्तवीर्य अर्जुन से युद्ध का उद्योग, बन्धन ग्रस्त होना), ७.३४(बालि द्वारा रावण का बन्धन व मैत्री ), लक्ष्मीनारायण १.३७६, raavana/ravana |